लक्ष्मी और गणेश की पूजा का विधान

लक्ष्मी और गणेश की पूजा का विधान

पंडित जी का कहना है कि, लक्ष्मी माता केवल उन्हीं घरों में वास करती हैं, जहां साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है

. इसलिए घर और प्रतिष्ठान की सफाई कर, स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और फिर पूजा स्थल पर पूजा-अर्चना करें. शाम की पूजा के लिए घर को फूलों और पत्तियों से सजायें, दरवाजों पर तोरण लगायें और मुख्य द्वार पर रंगोली बनाकर लक्ष्मी माता का स्वागत करें. पूजा स्थल पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर लक्ष्मी- गणेश की प्रतिमा स्थापित करें. धन की भी पूजा का विधान है, इसलिए घर के कुछ आभूषण या प्रतिष्ठानों के गल्ले को पूजा स्थल पर रखें. पूजा में फूल, रंगोली, और चंदन का प्रयोग करें. शुद्ध घी का दीपक जलाकर, गणेश जी, लक्ष्मी जी और कुबेर जी की आरती करें और मंत्रोच्चार करें. पूजा के बाद खीर का भोग अर्पित करें, जो मां लक्ष्मी को अतिप्रिय है. घर के हर कोने में दीपक जलायें, ताकि समस्त घर में उजाला हो और लक्ष्मी माता प्रसन्न हों.
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