बर्तन कारोबारियों की मानें तो इस दिन लगभग चार सौ करोड़ का करोबार पूरी राज्य में हुआ है।
इसमें कांस्या, चांदी, पीतल के बर्तन के साथ ही स्टील और एल्यूमिनियम के बर्तनों की भी खूब बिक्री हुई। अलग अलग व्यापारियों से बात करने से जानकारी हुई कि इस दिन लगभग 300 करोड़ रुपए के बर्तन का कारोबार हुआ। इसके अलावा इस दिन फर्नीचर, झाडु, मिट्टी के दिया, समेत अन्य चीजों की भी बिक्री हुई। जो लगभग करोड़ों का कारोबार रहा। बता दें कोविड महामारी के बाद अब राज्य में धनतेरस के कारोबार में रौनक देखी गयी। रांची के बाजार में देर रात तक लोगों ने खरीदारी की। राजधानी की सड़कों पर कई वाहन उतरे। अपर बाजार, चर्च रोड, मेन रोड समेत अन्य इलाकों में भी हुई जमकर खरीदारी हुई। रांची सेकरीब 600 करोड़ का कोरोबार हुआ है। रियल एस्टेट के क्षेत्र में इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में 38 प्रतिशत ज्यादा कारोबार हुआ। इस बार रांची के पांच रजिस्ट्री कार्यालयों को मिलाकर कुल 163 दस्तावेजों की रजिस्ट्री हुई। जिसमें 21 फ्लैट की रजिस्ट्री शामिल हैं। जबकि पिछले वर्ष महज 138 दस्तावेजों का ही निबंधन हुआ था। अगर राज्य भर में धनतेरस के मौके पर रियल एस्टेट कारोबार की बात करें तो शुक्रवार को 657 रजिस्ट्री हुई, पिछले वर्ष यह आंकड़ा 452 था। सबसे ज्यादा दस्तावेजों का निबंधन रांची में ही हुआ है। राज्य भर में जमीन, घर और फ्लैट की रजिस्ट्री से सरकार को पांच करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। वहीं सिर्फ रांची में हुई रजिस्ट्री से सरकार को करीब तीन करोड़ रुपये का राजस्व मिला। हालांकि धनतेरस के मौके पर भी राज्य के कुछ जिलों में एक भी रजिस्ट्री नहीं हुई। झारखंड के रामगढ़, गोड्डा, लोहरदगा, पाकुड़ और साहिबगंज में धनतेरस के दिन भी एक भी रजिस्ट्री नहीं हुई। होने का लक्ष्य रखा गया था। फर्नीचर का कारोबार काफी बड़ा रहा, जिले में करीब 200 करोड़ का कारोबार हुआ। बड़े से लेकर छोटे दुकानों में 70 प्रतिशत तक की छूट दी गई, फाइनेंस की भी सुविधा उपलब्ध करायी गई। देर रात तक दुकानों में लोगों की भीड़ रही, अधिकतर लोगों ने पहले ही अपनी पसंद के फर्नीचर बुक कर चुके थे। इस बीच खरीदारी पर गिफ्ट भी दिए गए। लोग ना चाहते हुए भी फर्नीचर की खरीदारी को प्राथमिकता देते दिखें और अपने घरों की सुंदरता बढ़ाने के लिए खरीदारी करते रहें। फर्नीचर दुकानों के व्यवसायी बता रहे हैं कि इस बार एक दुकान से कम से कम पांच लाख रुपये के फर्नीचर बेचने की उम्मीद थी जिसमें काफी हद तक सफलता भी मिली। धनतेरस पर झाडू खरीदने की परंपरा का भी लोग निर्वाह करते दिखे। जमशेदपुर, धनबाद,बोकारो, हजारीबाग, पलामू, लोहरदगा, चाईबासा, दुमका, देवघर समेत सभी शहरों में जमकर लोगों ने खरीदारी की। दो पहिया व चार पहिया वाहन, सोना-चांदी, हीरा, इलेक्ट्रानिक्स व इलेक्ट्रिकल सामान, बर्तन, कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल, वाशिंग मशीन, एलईडी टीवी, स्मार्ट टीवी, माइक्रोओवन, फर्नीचर और प्रॉपर्टी समेत जरूरी सामानों की लोगों ने खरीदारी की। कई कंपनियों ने आफर के जरिए ग्राहकों को लुभाया। ग्राहकों ने भी इसका भरपूर लाभ उठाया। रांची में बर्तन बाजार में 16 करोड़ का व्यापार हुआ। वहीं, पूरे राज्य में 38 करोड़ रुपये तक आंकड़ा पहुंच गया। ज्वेलरी की दुकानों में सोने और चांदी, हीरे के आभूषण के साथ सिक्कों की खूब मांग रही। पूरे राज्य 724 करोड़ का और राजधानी में दो सौ करोड़ का व्यापार हुआ। लोगों ने अधिकांश निवेश सोने में किया। सिक्कों के लिए अलग से काउंटर लगाए गए थे। इलेक्ट्रॉनिक बाजार में डेढ़ सौ करोड़ राज्य भर में और राजधानी में पचास करोड़ का व्यापार हुआ। ऑटोमोबाइल सेक्टर भी बूम पर रहा। धनतेरस पर वाहन बाजार में भी उछाल दिखा।