रांची (झारखंड), 3 जून 2025 – झारखंड में 4 जून को एक व्यापक बंद का आह्वान किया गया है। यह बंद आदिवासी बचाओ मोर्चा के बैनर तले विभिन्न आदिवासी और स्वदेशी संगठनों द्वारा बुलाया गया है। बंद का असर पूरे राज्य में खासकर राजधानी रांची और आस-पास के इलाकों में देखने को मिल सकता है।
बंद की प्रमुख वजहें
इस बंद का मुख्य उद्देश्य राज्य में आदिवासियों की सांस्कृतिक, धार्मिक और पारंपरिक स्थलों की रक्षा करना है। आंदोलनकारियों की प्रमुख मांगों में शामिल हैं:
मरांग बुरु, पारसनाथ हिल्स (गिरिडीह), लुगु बुरु, मुधर हिल्स (पिठोरिया), दिऊरी दिरी (तमाड़) और बेड़ो महादानी सरना स्थल जैसे पवित्र स्थलों की सुरक्षा और संरक्षण।
धार्मिक स्थलों पर हो रहे कथित अतिक्रमण और विकास परियोजनाओं के विरोध में बंद का आयोजन किया गया है।
रांची के डोरंडा सिमरटोली फ्लाइओवर रैंप पर आदिवासी धार्मिक भावना के विरुद्ध हुए कार्यों का विरोध।
राजनीतिक संदेश और भविष्य की रणनीति
रांची में आयोजित बैठक में आदिवासी संगठनों ने राज्य की वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार को आदिवासी विरोधी बताते हुए सत्ता से हटाने की बात कही। आदिवासी बचाओ मोर्चा के संयोजक प्रेमशाही मुंडा ने कहा कि यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार आदिवासी हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम नहीं उठाती।
उन्होंने सभी सामाजिक, धार्मिक और स्वदेशी संगठनों से झारखंड बंद को सफल बनाने के लिए सहयोग की अपील की है।
जनता और प्रशासन से अपील
बंद के दौरान शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील की गई है। संगठन ने आम जनता से भी सहयोग की अपेक्षा जताई है ताकि आंदोलन को बिना किसी हिंसा के सफल बनाया जा सके।