नई दिल्ली। 2025 का मानसून देशवासियों के लिए राहत की खबर लेकर आ रहा है। स्काइमेट वेदर और भारतीय मौसम विभाग की ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार, इस साल देशभर में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि जून से सितंबर के बीच औसतन 3% अधिक वर्षा हो सकती है, जिससे किसानों, जलापूर्ति और बिजली उत्पादन क्षेत्रों को बड़ी राहत मिलेगी।
मौसम विभाग के अनुसार, 2025 के मानसून सीजन में देश में कुल औसत बारिश 895 मिमी तक पहुंच सकती है, जबकि दीर्घकालिक औसत (LPA) 868.6 मिमी है। जून में बारिश सामान्य से थोड़ी कम (96%) हो सकती है, लेकिन जुलाई से सितंबर के बीच बारिश की गति तेज हो जाएगी। अगस्त में बारिश सामान्य से 8% ज्यादा रहने की संभावना है, जो खेती के लिए बेहद अनुकूल मानी जा रही है।
महीनेवार अनुमानित बारिश: | महीना | अनुमानित बारिश (%) | सामान्य बारिश (मिमी) | |----------|---------------------|------------------------| | जून | 96% | 165.3 मिमी | | जुलाई | 102% | 280.5 मिमी | | अगस्त | 108% | 254.9 मिमी | | सितंबर | 104% | 167.9 मिमी |
कहां होगी ज्यादा और कम बारिश?
ज्यादा बारिश
जून: केरल, कर्नाटक, कोंकण और गोवा
जुलाई: पश्चिमी घाट (महाराष्ट्र और कर्नाटक)
अगस्त: बिहार, झारखंड, ओडिशा
सितंबर: राजस्थान और गुजरात
कम बारिश
असम, अरुणाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर
सितंबर में तमिलनाडु और तटीय आंध्र प्रदेश
मौसम को समर्थन देने वाले कारक
इस बार एल-नीनो कमजोर पड़ रहा है, जिससे मानसून पर इसका नकारात्मक असर कम रहेगा। वहीं, हिंद महासागर डाइपोल (Indian Ocean Dipole) के सामान्य रहने की संभावना है, जो मानसून को मजबूती देगा।
खेती और बुनियादी जरूरतों को मिलेगा संबल
अच्छी बारिश के चलते फसलों की पैदावार बेहतर होने की उम्मीद है। साथ ही, पेयजल और बिजली जैसी बुनियादी आवश्यकताओं की आपूर्ति में भी राहत मिल सकती है। ऐसे में माना जा रहा है कि 2025 का मानसून देश के करोड़ों किसानों और आम जनता के लिए खुशहाली का संदेश लेकर आएगा।