रांची, झारखंड।
झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) की 11वीं सिविल सेवा परीक्षा के रिजल्ट को लेकर हजारों अभ्यर्थी असमंजस की स्थिति में हैं। मुख्य परीक्षा के आयोजन को 8 महीने से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन परिणाम जारी करने को लेकर न सरकार की ओर से कोई स्पष्ट बयान आया है और न ही आयोग की तरफ से कोई आधिकारिक अपडेट।
जेपीएससी 11वीं मुख्य परीक्षा रिजल्ट अपडेट 2025
जेपीएससी ने 17 जनवरी 2024 को 11वीं सिविल सेवा परीक्षा का विज्ञापन जारी किया था। इसके बाद 17 मार्च को प्रीलिम्स परीक्षा आयोजित की गई और 22 अप्रैल को इसका परिणाम घोषित किया गया। 22 से 24 जून के बीच मुख्य परीक्षा संपन्न हुई, जिसमें 7011 अभ्यर्थी शामिल हुए थे।
31 जुलाई 2024 को आयोग ने नोटिफिकेशन जारी कर अगस्त के दूसरे हफ्ते में मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी करने की बात कही थी। लेकिन अगस्त बीत गया, सितंबर आया और फिर अक्टूबर-दिसंबर, परिणाम अब तक जारी नहीं हुआ।
चेयरमैन की नियुक्ति बनी देरी की वजह
22 अगस्त 2024 को आयोग की अध्यक्ष डॉ. नीलिमा केरकेट्टा सेवानिवृत्त हो गईं। तब से लेकर 27 फरवरी 2025 तक आयोग चेयरमैन विहीन रहा। 6 महीने तक बिना नेतृत्व के पड़ा रहा आयोग अब पूर्व मुख्य सचिव एल. खियांग्ते के नेतृत्व में है। लेकिन उनकी नियुक्ति के बाद भी रिजल्ट पर कोई ठोस बयान नहीं आया है।
सरकार और आयोग की चुप्पी से उपजा असंतोष
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 28 नवंबर 2024 को विधानसभा में वादा किया था कि 1 जनवरी 2025 से पहले सभी लंबित नियुक्तियां पूरी कर ली जाएंगी। लेकिन यह वादा भी अब अतीत बन चुका है। नतीजा यह है कि अभ्यर्थियों में निराशा, कुंठा और रोष बढ़ता जा रहा है।
जेपीएससी अभ्यर्थियों का संघर्ष और रचनात्मक विरोध
मुख्य परीक्षा के रिजल्ट में देरी से नाराज अभ्यर्थियों ने विरोध के अनोखे तरीके अपनाए हैं—कहीं धरना, कहीं प्रतीकात्मक शव यात्रा, तो कहीं पिंडदान और ब्रह्मभोज का आयोजन किया गया। अब 11 अप्रैल को 'आर या पार' की तर्ज पर आंदोलन तेज करने की घोषणा की गई है।
झारखंड की प्रतियोगी परीक्षाओं की बदहाली
झारखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं की हालत यह हो गई है कि तैयारी के दौरान अभ्यर्थी संविधान, कानून, प्रशासन, और सामाजिक आंदोलनों के ज्ञाता तो बन जाते हैं, लेकिन अफसर नहीं बन पाते। नियुक्ति पत्र एक सपना बनकर रह जाता है।
क्या अब भी उम्मीद बची है?
जेपीएससी 11वीं सिविल सेवा परिणाम (JPSC 11th Result 2025) को लेकर अभ्यर्थियों की नजरें अब आयोग और सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं। यदि जल्द कोई ठोस अपडेट नहीं आया, तो राज्य में बड़ा आंदोलन खड़ा हो सकता है।